आज फिर मचली है कलम मेरी
कुछ फसाने लिखने को
कुछ सबको बताने को
कुछ तुमको सुनाने को
रहता हैं तू मेरे साथ मगर
कुछ दूरिया मिटने को
कुछ याद दिलाने को
कुछ शिकवे मिटाने को
दुनिया से मुझको रंज नहीं
इस हाल में लाने को
ये राह दिखने को
मुझे जीना सिखाने को
समझता हूँ तेरे हालत सभी
ये तुझे बताने को
तुझे साथ चलाने को
तुझे जीना सिखाने को
हँसता हूँ मैं भी जब खुश रहता है तू
ये तुझे समझाने को
ये याद दिलाने को
हर शिकवे मिटाने को
आज मचली थी कलम ऐ दिल
तुझे राह पे लाने को
कुछ फसाने लिखने को
कुछ सबको बताने को
कुछ तुमको सुनाने को
रहता हैं तू मेरे साथ मगर
कुछ दूरिया मिटने को
कुछ याद दिलाने को
कुछ शिकवे मिटाने को
दुनिया से मुझको रंज नहीं
इस हाल में लाने को
ये राह दिखने को
मुझे जीना सिखाने को
समझता हूँ तेरे हालत सभी
ये तुझे बताने को
तुझे साथ चलाने को
तुझे जीना सिखाने को
हँसता हूँ मैं भी जब खुश रहता है तू
ये तुझे समझाने को
ये याद दिलाने को
हर शिकवे मिटाने को
आज मचली थी कलम ऐ दिल
तुझे राह पे लाने को
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